घर पर ही शुरू कर सकते है मशरूम की खेती, जानिए 2024 में किसान कैसे कमाएंगे लाखो रुपये (पूरी जानकारी)

मशरूम की मांग भारत में बढ़ रही है। पहले इसकी मांग बड़े शहरो में ही थी, लेकिन अब इसकी मांग गाँवो में भी ज्यादा हो गयी है। आज के समय में तो मशरूम के सब्जी के बिना कोई प्रोग्राम अधूरा ही लगता है। आप भी खेती से पैसे कमाने के बारे में सोच रहे है तो मशरुम की खेती एक अच्छा विचार है।

पिछले कुछ वर्षों में, किसानों की ओर से मशरूम की खेती में रुझान बढ़ रहा है। यह एक बेहतर कमाई का जरिया बन गया है और कम लागत में अच्छा मुनाफा देता है। मशरूम की खेती घर पर ही छोटी जगह में किया जा सकता है। अगर आप अपनी कमाई लाखो में पहुँचाना चाहते है तो मशरूम की खेती शुरू करे जो कम खर्च में साल भर मुनाफा देती है।

मशरूम की खेती

मशरूम की खेती विश्व भर में हजारों वर्षों से की जा रही है, जबकि भारत में इसका इतिहास लगभग 30 साल पुराना है। भारत में मशरूम के उत्पादन में हाल ही में वृद्धि हुई है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना विशेष रूप से मशरूम की खेती करने वाले प्रमुख राज्य हैं।

साल 2019-20 में भारत में मशरूम का उत्पादन लगभग 1.30 लाख टन हुआ। मशरूम को भोजन और औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है, क्योंकि इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, खनिज लवण और विटामिन होते हैं। मशरूम की खेती करने के लिए भारत में महिलाओं को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। राज्य सरकारें मशरूम की खेती के लिए किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही हैं।

भारत में उगाई जाने वाली मशरूम की किस्में

आपको बता दे की विश्व भर में खाने योग्य मशरूम की लगभग 10,000 प्रजातियाँ होती हैं, लेकिन उनमें से केवल 70 प्रजातियाँ ही खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं। भारत में ज्यादातर 5 प्रकार के मशरूम ही उगाये जाते है जिसके बारे में हमने आपको निचे जानकारी दी है।

सफेद बटन मशरुम

ढींगरी (ऑयस्टर) मशरुम

दूधिया मशरुम

पैडीस्ट्रा मशरुम

शिटाके मशरुम

सफेद बटन मशरुम

यह सबसे प्रमुख और लोकप्रिय मशरूम है जो भारत में उगाया जाता है। यह सफेद रंग का होता है और उच्च प्रोटीन, कैल्शियम, और विटामिन बी का स्रोत होता है।

ढींगरी (ऑयस्टर) मशरुम

ढिंगरी

ढिंगरी मशरूम का रंग गुलाबी, सफेद, या पीला होता है। इसका स्वाद थोड़ा गरम होता है और इसमें फॉलेट, फोलिक एसिड, और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। इसकी खेती साल भर होती है।

दूधिया मशरुम

दूधिया मशरुम मशरूम की खेती

यह गर्मियों में उगाये जाने वाला मशरूम है, जो आकार में बहुत बड़ा और देखने में आकर्षण होता है। इसकी खेती मार्च से अक्टूबर तक की जा सकती है। इसकी कृत्रिम खेती की शुरुआत 1976 में पश्चिम बंगाल में हुई थी। अब यह मशरूम कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में भी लोकप्रिय हो गया है।

पैडीस्ट्रा मशरुम

पैडीस्ट्रा मशरूम में एक मजबूत, मिट्टी का स्वाद होता है जो थोड़ा मीठा होता है। उनकी बनावट नरम और रबरयुक्त होती है। यह विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत हैं। इसके आलावा इसमें कई तरह के सेहत के लिए अच्छे विटामिन पाए जाते है। यह पूर्व एशिया में काफी पसंद किया जाता है।

शिटाके मशरुम

यह ब्राउन रंग का होता है और इसका स्वाद थोड़ा गाढ़ा होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, प्रोटीन, और बीविटामिन होते हैं और यह आमतौर पर चाइनीज़ खाने के लिए उपयोग किया जाता है।

मशरूम की खेती कैसे करें – mushroom farming business

अगर आप भी मशरूम की खेती करते सालाना लाखो का मुनाफा कमाना चाहते है तो आइये इस लेख में जानते है की मशरूम की खेती कैसे करे और इसके लिए कौन सी सामग्री लगती है और कैसे बनाते है। अगर आप इसे एक बिज़नेस के रूप में करते है तो आप इस शानदार कमाई कर सकते है।

मशरूम की खेती करने के फायदे

मशरूम की खेती एक लाभदायक व्यवसाय है। इसकी कहती करने के निम्न फायदे है –

  • मशरूम की उच्च मांग है
  • मशरूम उगाने के लिए बहुत कम जगह की आवश्यकता होती है
  • यह पर्यावरण के अनुकूल है।
  • इसे कोई भी आसानी से कर सकती है।
  • यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है।
  • कम खर्च आने के कारण किसनो को ज्यादा लाभ होगा।

मशरूम उगाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री

मशरूम उगाने के लिए किसी भी प्रकार की महंगे उपकरण की जरूरत नहीं पड़ती है। आप इसे बहुत सस्ते सेटअप में भी ऊगा सकते है। इसे उगाने में निम्नलिखित सामग्री का इस्तेमाल होता है।

  • धान का भूसा
  • गेहूं का भूसा
  • लकड़ी के चिप्स
  • कम्पोस्ट खाद
  • मुर्गी की बीट का भी इस्तेमाल कर सकते है।
  • प्लास्टिक के बैग
  • बांधने के लिए रस्सी

कंपोस्ट कैसे बनाएं

कम्पोस्ट तैयार करने के लिए, पहले भूसे को पक्के फर्श पर एकत्रित करें और उसे एक ट्राय या कंपोस्टिंग बिन में फैलाएं। फिर, इसे दो से तीन दिनों तक लगातार पानी से भिगोकर रखें। इससे भूसे में नमी जमा होगी, जो मशरूम के बीजों के अंकुरण के लिए आवश्यक है।

इसके अलावा, कम्पोस्ट में मशरूम के बीजों को अंकुरित करने के लिए आप एक बॉक्स या पाल्टू में नेट या कवर का उपयोग कर सकते हैं। इस नेट या कवर के रोमचिक गैस उत्सर्जन के लिए स्वतंत्र धारी को उपयोग में लें, जिससे खाद का अच्छी तरह से फर्मेंटेशन हो सके।

इस प्रक्रिया के बाद, अब आपका कम्पोस्ट तैयार है मशरूम की खेती के लिए। यह भूसा में नमी होना चाहिए और उसमें कार्बनिक मात्रा होनी चाहिए, जिससे मशरूम के पौधे अच्छे से विकसित हो सकें।

मशरूम का बीज कहा से लाये ?

आपको बता दे की इसकी खेती के लिए बीज बहुत महत्वपूर्ण है। बीज काफी पुराना नहीं होना चाइये। 100 किलो के कम्पोस्ट में 2 किलो बीज की मात्रा भरपूर है। बीज को हमेशा अच्छे जगह से ही ख़रीदे। मशरूम के बीज को कृषि विश्वविद्यालय, ऑनलाइन या किसी किसान से खरीद सकते है।

मशरूम की खेती कैसे करें घर पर

अगर आप मशरूम की खेती घर पर भी करना चाहते है तो यह बहुत आसान है। इसकी खास बात यह है की आप मशरूम की खेती एक कमरे में भी घाट पर या झोपडी बना के कर सकते है। घर पर मशरूम की खेती करने के लिए आपको जगह की जरूरत पड़ेगी इसके बाद आप सभी सामग्री को लाकर कम्पोस्ट बना ले। कम्पोस्ट को बैग में भर के और बीज मिला के अँधेरे कमरे में रख दे। समय समय भर देखते रहे।

मशरूम की खेती की ट्रेनिंग pdf

अगर आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है तो आप इसकी खेती कर रहे किसानो से सिख सकते है या ऑनलाइन भी इसे सिख कर अनुभव ले सकते है। माश्र्रम की ट्रेनिंग के लिए pdf भी पढ़ सकते है।

Spread the love

Leave a Comment